➤ हिमाचल में रातभर भारी बारिश से तबाही का मंजर
➤ आठ जिलों के स्कूल-कॉलेजों में आज छुट्टी का ऐलान
➤ 482 सड़कें बंद, मणिमहेश यात्रा पर आए श्रद्धालु फंसे
हिमाचल प्रदेश में रविवार रात से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। प्रदेश के आठ जिलों ऊना, कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, सोलन, कुल्लू, बिलासपुर और मंडी में आज (25 अगस्त) सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने के आदेश जारी किए गए हैं। प्रशासन ने यह कदम सुरक्षा कारणों को देखते हुए उठाया है, ताकि बच्चों और आम जनता को किसी तरह की जान-माल की हानि से बचाया जा सके।

धर्मशाला से सटे सुधेड़ क्षेत्र में रविवार शाम को एक तीन मंजिला मकान ताश के पत्तों की तरह ढह गया। इसी तरह कांगड़ा के इंदौरा क्षेत्र में भारी बारिश से कई घर और किसानों की जमीन जलमग्न हो गई। यहां तक कि गाड़ियां भी पानी में तैरने लगीं। चंबा जिला के भरमौर की सैहली पंचायत में सुबह भारी लैंडस्लाइड हुआ, जिससे एक घर को भारी नुकसान पहुंचा है।
24 घंटे से जारी बारिश ने परिवहन व्यवस्था को भी चरमरा दिया है। चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे और पठानकोट-भरमौर नेशनल हाईवे समेत कुल 482 सड़कें बंद हो गई हैं। जगह-जगह गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं और टूरिस्ट सहित लोकल लोग सड़क खुलने का इंतजार कर रहे हैं। खासकर भरमौर में मणिमहेश यात्रा पर आए श्रद्धालु सड़क किनारे फंसे हुए हैं।

इसी बीच ब्यास नदी पर बने पंडोह डैम का जल स्तर बढ़ने के बाद पानी छोड़ने का अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने लोगों और टूरिस्ट को साफ चेतावनी दी है कि वे नदी किनारे न जाएं।
मौसम विभाग के अनुसार, अगले चार दिन तक राहत की कोई उम्मीद नहीं है। विभाग ने आज (25 अगस्त) पांच जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा और मंडी में यलो अलर्ट जारी किया है। जबकि 26 अगस्त को सात जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर के लिए भी अलर्ट रहेगा।

अगस्त महीने में अब तक प्रदेश में नॉर्मल से 29 प्रतिशत ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। सिर्फ कुल्लू में 101%, सोलन में 98%, ऊना में 92% और शिमला में 87% अधिक बारिश हो चुकी है। यही अतिरिक्त बारिश भारी तबाही की वजह बन रही है। अब तक इस मानसून सीजन में 2348 करोड़ रुपये की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंच चुका है।

सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि इस सीजन में अब तक 303 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें 36 मौतें लैंडस्लाइड, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं से हुई हैं, जबकि 37 लोग अब तक लापता हैं। इस आपदा ने 684 घर पूरी तरह जमींदोज कर दिए और 2425 घरों को आंशिक नुकसान पहुंचाया है।



